वक़्त की आवाज़

वो वक़्त की आवाज़ थी
अब ये वक़्त की ही आवाज़ है,
हम मुसाफिर चल पड़े
जिधर की आवाज़ सुनी।
वक़्त मुझसे जो करा ले
हम वक़्त के गुलाम हैं।
न तेरा कोई दोष है
न मेरा कोई दोष है,
ये वक़्त की आवाज़ है।
वो वक़्त की आवाज़ थी
अब ये वक़्त की ही आवाज़ है,
हम मुसाफिर चल पड़े
जिधर की आवाज़ सुनी।
वक़्त मुझसे जो करा ले
हम वक़्त के गुलाम हैं।
न तेरा कोई दोष है
न मेरा कोई दोष है,
ये वक़्त की आवाज़ है।