Reluctant Writer
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Writes about fictitious reality.

श्रद्धांजलि

श्रद्धांजलि
Those we love never truly leaves us. There are things that death cannot touch. — Jack Thorne
Image Source: Google

इस संसार को तुम्हें छोड़े
छः वर्ष बीत चला, और मैं,
वहीँ का वहीँ खड़ा रह गया।

वक़्त निकला, लम्हा निकला,
लोग-बाग भी आये
और चले गए।

छः वर्ष बीत चला, और मैं,
वहीँ का वहीँ खड़ा रह गया।

होली मनाई,
दिवाली मनाई,
दशहरा भी मना लिया
लेकिन मन को कैसे मनाऊं
अभी तक कुछ पता न चला।

छः वर्ष बीत चला, और मैं,
वहीँ का वहीँ खड़ा रह गया।