कला सब में है
कवि के पास उसकी कविता है।
लेखक के पास उसकी कहानी है।
चित्रकार के पास उसकी चित्रकारी है।
नर्तक के पास उसका निर्त्य है।
वादक के पास उसका वाद्य है।
गायक के पास उसका गला है।
हर एक कलाकार के पास
अपनी इक कला है।
फिर आप में क्यों इतनी हताशा है ?
माना की अभी चारो तरफ़ अंधेर है,
आप ख़ुद से मिलीये तो कभी
आपके भीतर भी कला का कुबेर है।
Never miss a story from us, subscribe to our newsletter