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शहर, तुम कब रुकोगी ?

शहर, बहुत तेज़ चलती है तुम्हारे यहाँ सभी चीज़ें। मैं थक सा गया हूँ , इस दौड़ में दौड़ते दौड़ते। गाड़ियों का शोर गुल लाल, पिली, नीली, हरी, टीम-टीमाती बत्तियाँ...

खिड़की और इंतज़ार

खिड़की और इंतज़ार का एक अटूट सम्बन्ध है। खिड़की के पास बैठे-बैठे और वहाँ से बाहर झाँकते हुए हमारी न जाने कितने अनगिनत यादें बनती जाती हैं। जैसे सर्दियों में,...

From Dumbledore's wisdom pot

As we know, we are not born with fear. An infant does not know what fear is. As he starts to grow he slowly develops this feeling. In “Harry Potter...

अतीत के गुलाब और काँटें

धीरे धीरे सब धूमिल होता जाता है, और बस बच जाते हो तुम | अकेले तुम और तुम्हारी मालायों जैसी पिरोयी हुई यादें | जो गुलाब की पंखुड़ी की तरह...

ठहराव

वो पानी की बहती तेज़ धारा, के रफ़्तार से बड़ी हो रही थी। अपनी मासुमियत को छोड़, सादगी का श्रृंगार करते हुए वो परिपक़्वता की ओर बढ़ रही थी। सादगी...

Hibiscus

I have read somewhere that “when flowers bloom, so does hope !” And it’s true. Nature has its own way of inspiring us, if we are willing to look in...