शहर, बहुत तेज़ चलती है तुम्हारे यहाँ सभी चीज़ें। मैं थक सा गया हूँ , इस दौड़ में दौड़ते दौड़ते। गाड़ियों का शोर गुल लाल, पिली, नीली, हरी, टीम-टीमाती बत्तियाँ...
खिड़की और इंतज़ार का एक अटूट सम्बन्ध है। खिड़की के पास बैठे-बैठे और वहाँ से बाहर झाँकते हुए हमारी न जाने कितने अनगिनत यादें बनती जाती हैं। जैसे सर्दियों में,...